लेख : चाय एक रवायत…

अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस: चाय की रवायत

लेख

रचना श्रीवास्तव

5/21/20231 min read


आज सुबह सुबह चाय के कप के साथ ही मुझे यह ज्ञान प्राप्त हुआ कि आज 21 मई को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस है जिसे अभी चार साल पूर्व ही दिसम्बर से मई में शिफ्ट किया गया है। पहले तो आश्चर्य हुआ कि इतनी गरमी में चाय दिवस फिर लगा सही ही है ज़हर ही ज़हर को काटता है और फिर चाय तो हमारी संस्कृति में ऐसी समा गई है जैसे कोई पेय न होकर एक संस्कार हो। अब कोई आपके घर आये और आप लाख व्यंजन परोस दे लेकिन अगर चाय न हो तो बाद में चार लोगों से सुनने को तैयार रहिए कि बताइए,फ़लाने के यहाँ गये तो चाय तक न पूछी । अपना तो पहले चाय से दूर दूर तक कोई नाता नहीं था बल्कि बहुत चिढ़ लगती जब कोई आये या न भी आये..बेटा ज़रा चाय तो बनाओ।घर में चाय के दौर चलते और चाय बनाने की ज़िम्मेदारी मेरे ऊपर यह कहके-अरे बिटिया बहुत कमाल की चाय बनाती है।आज तक भी इस रवायत में क़तई कोई रद्दोबदल नहीं हुयी है। पतिदेव की तो गुड मॉर्निंग ही बेड टी से होती तो घर भर को सुबह सुबह एक कप चाय चाहिए गोकि नहाने के पहले चाहिए और फिर नाश्ते के साथ तो चाहिए ही चाहिए चाहे नाश्ते में लस्सी ही क्यों न बनी हो। फिर तो दिन भर कामवाली से लेकर घरवाली तक किसीका काम चाय की रवायत के बिना चलता ही नहीं चाहे गर्मी हो या सर्दी कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। वैसे तो छोटे बच्चों को चाय नहीं पीने देते लेकिन बिस्कुट को चाय में डुबोकर खिलाने में कोई गुरेज़ नहीं है। कॉलेज की कैंटीन हो या आफ़िस की चाय के बिना इनकी कल्पना ही नहीं हो सकती। यहाँ तक कि हर गली मोहल्ले नुक्कड़ चौराहे पर आपको एक चाय का ठीहा अवश्य मिलेगा। इसका सबसे ज़ोरदार असरदार उपयोग तो सरकारी कार्यालयों और बैकों में देख सकते जिनके बाहर चाय का ठेला लगाने के लिए भी ठेकेदारी होती है काहे से चाय का ठेला बड़ा कमाऊ फिर आपको यह चाय का ठेला पता नहीं किन ऊँचाइयों तक पहुँचा दे न भी पहुँचाए तो भी कमाई बारहोंमासी पक्की। सुबह की चाय के बाद दिन भर में अलग अलग बहाने से कई बार चाय पी जाती है काम ख़त्म हो गया तो चाय, काम करते हुए काफी देर हो गई तो चाय, कोई दोस्त मिल गया तो चाय, थक गए तो चाय, बोर हो रहे हैं तो चाय, मौसम सुहाना हो गया तो चाय, सर्दी बहुत है तो चाय, भूख लगी तो स्नैक्स के साथ चाय और फिर शाम को चाय, रात को पढ़ने के लिए चाय, बीमारी खांसी ज़ुकाम में चाय ,घर आने वाले को चाय जाने वाले को चाय ,खाने के पहले चाय खाने के बाद चाय ,नाश्ते में चाय बिना नाश्ते के चाय ,गप्पे हांकने को चाय समय काटने को चाय आदि अनादि….यह चाय पुराण तो लंबा चल सकता है तो अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस की शुभकामनाओं के साथ चलिए एक एक कप चाय हो जाये.!